दुनिया की इस भीड़ में कोई अपना ना मिला
ज़हा भी दामन फैलाया, मायूस लोंटे….!
कमा ना सके किसी की दोस्ती, किसी की मोहोब्बत
गम, तन्हाई, और उदासी समैटे अपने घर लौटे….!!
-देव कुमार
दुनिया की इस भीड़ में कोई अपना ना मिला
ज़हा भी दामन फैलाया, मायूस लोंटे….!
कमा ना सके किसी की दोस्ती, किसी की मोहोब्बत
गम, तन्हाई, और उदासी समैटे अपने घर लौटे….!!
-देव कुमार