घर राही अंजाना 5 years ago रौशन आज मिलकर सब अपने घर कर लेंगे, और मासूम परिंदे अपने भीतर पर कर लेंगे, पूरा आसमां जगमगाऐगा बिना तारों के ऐसे, के सितारे ज़मी को मानो अपने सर कर लेंगे, कोना – कोना शहर का बोल उठेगा दिल से, कुछ खामोशी से सब देखके ही मन भर लेंगे।। राही अंजाना