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” चाँद ” आया हैं

क़ायनात ने क्या ख़ूब साज सजाया हैं ….

जिंदगी के बे- रंग रंगो ने क्या रंग दिखाया हैं….

ज़रा नज़रे उठा देख ए – फ़लक , मेरी और ….

मिलने मुझ से ” चाँद ” आया हैं….

 

पंकजोम ” प्रेम “

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