” चाँद ” आया हैं पंकजोम " प्रेम " 8 years ago क़ायनात ने क्या ख़ूब साज सजाया हैं …. जिंदगी के बे- रंग रंगो ने क्या रंग दिखाया हैं…. ज़रा नज़रे उठा देख ए – फ़लक , मेरी और …. मिलने मुझ से ” चाँद ” आया हैं…. पंकजोम ” प्रेम “