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” चाँद का मायूस चेहरा”

कल मैंने अपनी प्रेमिका के उतर दिल में ,

चाहत का ज़खीरा देखा …..

अपने जिल्ले – सुभानी के इंतजार में ,

उस चाँद का मायूस चेहरा देखा ..

स्वागत में उसने आब संग बिछा दी पलकें ,

मैंने हर इक आब पर नाम , मेरा देखा …

 

पंकजोम ” प्रेम ”

 

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