चांद को बंद करके मुट्ठी में (यमक अलंकार से अलंकृत) Pragya 3 years ago रात किसकी मोहब्बत में भला सारी रात जगती है उसे किससे मोहब्बत जो ना पलकों को झपकती चांद को बंद करके मुट्ठी में पूँछ लूंगी आसमान से रात क्या दिन से मिलने खातिर ही सारी रात तड़पती है।।