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चोरी

दिल अपना है मगर धकड़न पराई है,
इस बात की खबर मैंने ही फैलाई है,

नज़र वालों ने ही यहाँ नज़र चुराई है,
इस बात में ढूँढो तो कितनी सच्चाई है,

किसीने न सुनी मैंने सबसे जो छिपाई है,
इस बात को दीवार के कान में सुनाई है,

राही अंजाना

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