छोटी छोटी बातों से ही बन्धन से बन्ध जाते हैं,
हम अपनों से भी जादा अक्सर दूजों से जुड़ जाते हैं,
कुछ कहना हो तो खुलकर हम अपने मन की कह जाते हैं,
कुछ रिश्तों में रहकर हम मन ही मन मुस्काते हैं।।
राही अंजाना
छोटी छोटी बातों से ही बन्धन से बन्ध जाते हैं,
हम अपनों से भी जादा अक्सर दूजों से जुड़ जाते हैं,
कुछ कहना हो तो खुलकर हम अपने मन की कह जाते हैं,
कुछ रिश्तों में रहकर हम मन ही मन मुस्काते हैं।।
राही अंजाना