छोटी सी बात MKRanjan 6 years ago ठहरी हुई है वो शाम इधर ही, जिन शाम हम मिले थे । इन शाम की खुशबू से , महकता रहता पहर आठो । वो स्वर्ग ही क्या जिनमें प्यार न हो। वो प्यार ही क्या जिनमें हम न हो।