छोटी सोंच Abhishek kumar 4 years ago तुम्हारी छोटी सोंच मुझे हैरान करती है सदियों से मेरा अंदाज़ निराला है। बस तुम जैसों के ही पेट में दर्द होती है। चंद सिक्कों और ताज़ की जरूरत नहीं मुझको शोहरत तो अभिषेक के कदमों में होती है।