छोटे-छोटे से दिखते हैं बड़े मासूम लगते हैं,
मेरे दिल के जो टुकड़े हैं बड़े बखूब दिखते हैं,
बमुश्किल जोड़ कर रखता हूँ मैं इनको अमानत हैं,
मेरे महबूब की आहट में ये तो फानूस दिखते हैं।।
– राही (अंजाना)
छोटे-छोटे से दिखते हैं बड़े मासूम लगते हैं,
मेरे दिल के जो टुकड़े हैं बड़े बखूब दिखते हैं,
बमुश्किल जोड़ कर रखता हूँ मैं इनको अमानत हैं,
मेरे महबूब की आहट में ये तो फानूस दिखते हैं।।
– राही (अंजाना)