जज़्बातो के तूफान Suman Kumari 4 years ago मेरे इन आँखों में प्यार की एक बूंद नहीं कभी इन में प्रेम का समन्दर उमङा था खुद पर पछतावा करें या खामोशी से भूल स्वीकार करें इसी जद्दोजहद में, मन में उमङते जज़्बातो के तूफा में चीखती खामोशी पसरा था