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जब बात नहीं होती तुमसे…

जब बात नहीं होती तुमसे
शब्द मेरे खो जाते हैं
कलम की कूँची टूट जाती
कागज उड़ उड़ जाते हैं
जो तुम संग लाई थी अपने
खुशियां वह खो जाती हैं
बिन तेरे भाव मेरे प्यासे
निराशा घिर घिर जाती है
रिमझिम बारिश सी बरसती
सावन की बूंदों सी टपकती
मन को चंचल करने वाली
ए कविता! तुम कहाँ चली जाती..
जब बात नहीं होती तुमसे…

(मेरी कविताएं मेरा प्यार)

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