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जब से से देखा है उन्हें

जब से से देखा है उन्हें
देखते रह गए हम,
उनकी सूरत को नहीं
उनके व्यवहार हो हम।
वो सुलझी हुई बोली,
हँसी का फुहार न्यारा सा
शुद्धता आचरण की
मिजाज प्यारा सा।

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