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” जरा इक निग़ाह डाल “# 2 liner ” 3 “

ज़रा इक निग़ाह डाल देखों सावन पर ” पंकजोम ” प्रेम ” ” ….

ख़ामोश अल्फ़ाज़ मेरे ,सबसे बतियाते बतियाते दिखेंगे …..

 

पंकजोम ” प्रेम “

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