देखते है सभी जलते रावण को
आग की विषम लपटो कों
जिनमें फ़टाकों के चिन्गारियों के बीच
बेचारा रावण जल रहा है
खाक हो जाता है हर साल
फिर न जाने कहां से
जन्म जाता है हर साल
आग भी रावण को खाक न कर पाई है अब तक
जलता रहेगा रावण यूं ही आखिर कब तक?

देखते है सभी जलते रावण को
आग की विषम लपटो कों
जिनमें फ़टाकों के चिन्गारियों के बीच
बेचारा रावण जल रहा है
खाक हो जाता है हर साल
फिर न जाने कहां से
जन्म जाता है हर साल
आग भी रावण को खाक न कर पाई है अब तक
जलता रहेगा रावण यूं ही आखिर कब तक?