क्यों आहत हुई मैं,
क्यों मैं गुमसुम रही।
सह रही थी, उस दर्द को।
जहां जी रही थी मैं।
याद है मुझे जब खुशियां,
चमक रही थी, इन आंखों में।
दमक रही थी, उन ख्वाबों में।
जहां तुम साथ थे।
तुम छूट गए,
टूट गई मैं।
साथ चाहती थी तुम्हारा।
तुम्हारे दूर जाने के बाद।
लौट आओ कभी,
उन ख्वाबों में।
जहां तुम साथ थे,
जहां तुम पास थे।