ए ग़ालिब जरा जरा देख तो सही,
कहीं वो वही बे -वफा तो नहीं।
जो कभी दिल के बदले दर्द दिया था,
कहीं वो वही ज़हरीली नागन तो नहीं।।
ए ग़ालिब जरा जरा देख तो सही,
कहीं वो वही बे -वफा तो नहीं।
जो कभी दिल के बदले दर्द दिया था,
कहीं वो वही ज़हरीली नागन तो नहीं।।