ज़िन्दगी की तारीख Pragya Deole 5 years ago ज़िन्दगी की तारीख नहीं होती_ वरना हर तारीख पर फ़क़त ज़ख़्मों का हिसाब होता शाद-ए-लम्हें कहाँ खर्च हो गये कभी हिसाब ही नहीं मिलता_ -PRAGYA-