जानते हैं के सभी को बीमारी हो गई है,
रिश्तों के मध्य खड़ी चार दीवारी हो गई है,
कभी बैठ कर साथ में जो बना लेते थे बातें,
आज उन्हीं दोस्तों के मन में गद्दारी हो गई है,
कभी रचते थे जो किसी प्रेम के किस्से- कहानी,
आज मुश्किल में बहु बेटियों की जवानी हो गई है।।
– राही (अंजाना)