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जिंदगी चले

ग़मों की छाव तले ये मेरी जिंदगी चले.

मजबूरी ने कर दी है तार तार ओढनी,

हर मोड़ पर लुटती हुई ये मेरी जिंदगी  चले.

निराशा ने बुझा दिया है आशा का दिया,

अँधेरे में गिरते पड़ते मेरी जिंदगी चले.

मन टूट गया सपने बिखर गए सारे,

आँसुओ को लगाए गले ये मेरी जिंदगी चले.

जीने कि चाह ख़त्म हो गई अब,

शमशान कि और उठाए निगाहे ये मेरी जिंदगी चले.

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