यह जो जिंदगी इतना सबक सिखाऐ जा रही हो
मुझे अनुभवों का पुलिंदा बनाऐ जा रही हो
जिंदगी है चार दिन की
क्यों इतनी मगजमारी किऐ जा रही हो ।
यह जो जिंदगी इतना सबक सिखाऐ जा रही हो
मुझे अनुभवों का पुलिंदा बनाऐ जा रही हो
जिंदगी है चार दिन की
क्यों इतनी मगजमारी किऐ जा रही हो ।