जिन्दगी जब सोंचने बैठती है… Pragya 4 years ago जिन्दगी जब सोचने बैठती है कितने अफसाने याद आते हैं रो नहीं पाती हैं आँखें आजकल अश्क आँखों में ही जम जाते हैं