जीत कर के तुझे ऐ सनम !
खुद को ही हार कर बैठे हैं हम।
जिन्दगीं बन गया जब से तू
मौत से यार डरते हैं हम।
प्रीत है, रीत है, जीत है,
मौत है, जिन्दगी गीत है।
मर के भी आज लौटे हैं हम
खुद को ही हार बैठे हैं हम।।
जीत कर के तुझे ऐ सनम !
खुद को ही हार कर बैठे हैं हम।
जिन्दगीं बन गया जब से तू
मौत से यार डरते हैं हम।
प्रीत है, रीत है, जीत है,
मौत है, जिन्दगी गीत है।
मर के भी आज लौटे हैं हम
खुद को ही हार बैठे हैं हम।।