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जीवन गढ़ने का अधिकार कहाँ

जीवन गढ़ने का अधिकार कहाँ
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इन्सान हैं कुछ भी मुश्किल नहीं
चाह ले अगर क्या मुमकिन नहीं
लव कुछ भी कहे चाहे जैसे भी रहे
पर मन से वो हमेशा साथ रहे
अपने हमेशा दिल से साथ रहे
दूर रहकर भी मन के पास रहे
गर जीवन है तो फूल नहीं काटें ही सही ड
साथ निभायेंगे सबका सुख नहीं दुख ही सही
जीवन गढने का कहाँ दम है हममें
जीवन हरने का फिर अधिकार नहीं
यह तन सिर्फ अपना है कहाँ
अपनों की वर्षों के तप की धरोहर है
कयी आश जुङी है उनकी
जन्म से ही ख्वाब सजाए मनोहर हैं

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