जीवन जीने की कला
सीख लो जग से
सब कुछ मिल जाएगा यहाँ
बिना किसी मौल के
अपना बनाना है तो
सरल ह्रदय बन
लोगों से मिल
स्नेह और विश्वास
बाँट दे सब में
अपने पराये से दूर
सबके दिलों का मेल कर
फिर देख
दुनिया कितनी खूबसूरत है
बस आजमाने का ढ़ंग हो
जी तो लेते होंगे
हर कोई
पर
अपनों के पास रह
न गैर से दूर ।
डॅा० जयपाल