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जुस्तजू

‘छोड़ गए थे इसी जगह, अब चलना मुनासिब नही,
वो लौट आए तो मेरी जुस्तजू में परेशां होंगें..’

– प्रयाग

मायने :
जुस्तजू : तलाश

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