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झूम झूम के…..

हमने उड़ते हुए बादल से पूछा कब तुम्हें बरसना है।
उसने कहा नादान यह भी कोई पूछने की बात है ।।
सभी को वफा के आशियाना तो एक मर्तबा बनाने दो।
फिर देखना कैसे हम आँखों से झूम झूम के बरसते है।।

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