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ठहरे पानी के ही मानिंद..

‘ठहरे पानी के ही मानिंद अपनी फितरत थी,
न जगह छोड़ी और न ही किनारे तोड़े..’

– प्रयाग

मायने :
मानिंद – तरह/समान

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