तरु भी नींद में हैं रजनी में
पत्ता पत्ता सोया है
सुनसान हुआ संसार,
बन्द हुआ कोलाहल सारा,
सोए सब थक हार।
तारे पहरेदारी करते
टिम-टिम टार्च टिकाते,
ऐसा लगता है धरती की
रक्षा का है भार,
चैन से सो रहा संसार।
तरु भी नींद में हैं रजनी में
पत्ता पत्ता सोया है
सुनसान हुआ संसार,
बन्द हुआ कोलाहल सारा,
सोए सब थक हार।
तारे पहरेदारी करते
टिम-टिम टार्च टिकाते,
ऐसा लगता है धरती की
रक्षा का है भार,
चैन से सो रहा संसार।