तसव्वुर में भी हमने
आज तक ऐसा नहीं सोचा
नकबब्त इस कदर होगी
नजर से दूर जाओगे।
मगर जाओ भले ही दूर
लेकिन हम निराली सी
निगाहों से परस्तिश आपकी करके
बुला लेंगे स्वयं के पास
कैसे दूर जाओगे।
तसव्वुर में भी हमने
आज तक ऐसा नहीं सोचा
नकबब्त इस कदर होगी
नजर से दूर जाओगे।
मगर जाओ भले ही दूर
लेकिन हम निराली सी
निगाहों से परस्तिश आपकी करके
बुला लेंगे स्वयं के पास
कैसे दूर जाओगे।