बहुत दिन हो गए उसके ख्यालो की आंधी में बसे हुए,,
चलो आज उसकी एक तस्वीर बनाते हैं,,
उसकी अल-कायदा सी आँखे हैं,, जो बस मार ही डालती हैं,,
उसकी बुलडोज़र सी बाते हैं,, जो बस गिरा ही डालती हैं,,
लगता हैं उसके बाप का किसी कसाब से तगड़ा रिश्ता हैं…
वरना ताज की खूबसूरती को यूँ ही नहीं चकनाचूर कर डालती हैं…