ताला कहाँ लटकता Sukhmangal 8 years ago ह्रदय में ताला कहाँ लटकता ,मन में केवल भ्रम पलता है | आश्वासन में दुनिया चलती ,आमंत्रण मरण मात्र बेचैनी | नजरें मंजिल पर टिकी हुई ,संवाद हकीकत हो जाता है | स्याही सूख गई हों तो भी ,यह दिल तो एक समंदर सा है ||