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ताला कहाँ लटकता

ह्रदय में ताला कहाँ लटकता ,मन में केवल भ्रम पलता है |

आश्वासन में दुनिया चलती ,आमंत्रण मरण मात्र बेचैनी |

नजरें मंजिल पर टिकी हुई ,संवाद हकीकत हो जाता है |

स्याही सूख गई हों तो भी ,यह दिल तो एक समंदर सा है ||

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