झूम के तिरंगा देखो आया।
१५ अगस्त में खूब लहराया।।
क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान।
सभी वंदेमातरम के गीत सुनाया।।
तिरंगा जब बना देश की पहचान।
सुभाष भगत आज़ाद को भी हर्षाया।।
हिंदु ,मुस्लिम, सिख ,ईसाई ।
सभी के मन मन्दिर अपना घर बनाया।।
तीन रंग के धागे से बंधा यह देश।
तभी तो मैं भारत के गीत सुनाया।।
तीन रंग के हो गए हम दीवाने।
इसलिए तो आज तिरंगा पे पुष्प चढ़ाया।।