तुझ बिन बात नहीं होती Pankaj Garg 7 years ago भरी हो हुस्न से महफ़िल , तुझ बिन बात नहीं होती गरजते हो घने बादल , मगर बरसात नहीं होती रचायी ना हो मेहँदी तो , दुल्हन खास नहीं होती सितारे व्यर्थ ही चमके यूँ ही जगमग मगर सुन ले, जब तक चाँद ना निकले , कहीं पर रात नहीं होती ।।