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तुम्हारी याद भी चलकर मिटा लेता अगर थोड़ी…

बुरा क्या था अगर इस दर्द के मै साथ में दिलबर…
तुम्हारी याद भी चलकर मिटा लेता अगर थोड़ी…
दवाखाने में क्यूँ छोड़ा जरा चलते तो मैखाने…
दवा के साथ में दारू चडा लेता बशर थोड़ी…”
-सोनित

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