तुम्हें चाहा था आवाज सुनकर
मुस्कुराती थी तेरे ख्वाब बुनकर
अब जान गयी दर्द क्या होता है
अक्सर हँस देती थी इश्क की बात सुनकर।
तुम्हें चाहा था आवाज सुनकर
मुस्कुराती थी तेरे ख्वाब बुनकर
अब जान गयी दर्द क्या होता है
अक्सर हँस देती थी इश्क की बात सुनकर।