Site icon Saavan

तुम कर लो लाख कोशिशे हिन्द को बर्बाद करने की ।

तुम कर लो लाख कोशिशे हिन्द को बर्बाद करने की ।
चाहे कोई भी भयंकर कुटनीति अपनाओ तुम ।
हो सके तो तुम अपनी सारी शक्ति लगा दो ।
मगर हो नहीं सकता सदा असत्य का राज ।।1।।

भला कुछ दिन तो जरूर असत्य की ज्वाला दहकती है गरीबों पे ।
मगर मेरे दोस्त सत्य की धधकती आग को कौन बुझाता है ।
जो बुझाता वह मिट्टी में मिल जाता है, खूद को पहचान नहीं पाता है।
तुम कर लो लाख कोशिशे हिन्द को बर्बाद करने की ।। 2।।

अगर लगता तुम्हें हम अशिक्षित है, हमारी संस्कृति पुरानी है।
तो आकर एक बार देख लो तुम, हमारी संस्कृति ही विश्वस्तर पे छायी है ।
मगर कुछ लोगों ने हिन्द की सभ्यता को बर्बाद की, वो भला हिन्द का होता है ।
वो तो हिन्द के लाल नहीं, इस धरा के पुत्र नहीं, वह तो मक्कार, देशद्रोही है ।।3।।

हिन्द को हिन्दुस्तान नहीं कहे तो क्या कहें हम ।
हम वैसे लोग जो धरा को मिट्टी नहीं मा समझते है ।
उनके छाया में ही जिन्दगी बसर करते है ।
आन, मान, शान सब छोड़कर हम हिन्दुस्तान को भजते है ।।4।।

कुछ लोग तो देश के लिए अपना सर्वस्व लूटा देते है ।
कुछ तो आजीवन ब्रह्मचारी बनके देश की सेवा करते है ।
कवियों की महिमा हमारे देश में महान है ।
कोई कबीर, कालि, तुलसीदास तो कोई रहीम महान है ।।5।।

कवि विकास कुमार

Exit mobile version