मेरी हर सांस में तुम ही हो
मेरी हर बात में तुम ही हो।
जीवन की सुंदर छवि में जब
ढूंढती हूँ मैं,
मेरे मन मन्दिर के प्राणनाथ तुम ही हो।
परिवर्तन की इस लहर में
लहलहा उठता है जीवन
मेरी बेबस निगाहों का
सूत्रधार तुम ही हो।
मेरी हर सांस में तुम ही हो
मेरी हर बात में तुम ही हो।
जीवन की सुंदर छवि में जब
ढूंढती हूँ मैं,
मेरे मन मन्दिर के प्राणनाथ तुम ही हो।
परिवर्तन की इस लहर में
लहलहा उठता है जीवन
मेरी बेबस निगाहों का
सूत्रधार तुम ही हो।