तुम Ravi Bohra 4 years ago तुम जीत हो संगीत हो मेरा मीत हो मेरी ही प्रीत हो सदियों से किया जिससे इकरार तुम वही महोब्बत की रीत हो दिन की शुरुआत से रात की एहसास हो दोपहर की धुप और शाम की प्यास हो इंतजार की गेहराई और चाहत की परछाई हर वक्त की सबसे पहली आस हो