तूफ़ान अनुवाद 3 years ago सागर के सीने पर उठने वाले ये विकराल तूफ़ान, वास्तव में उसकी पीड़ाएँ हैं, जो रह-रह के उद्वेलित होती रहती हैं, उस नदी की प्रतीक्षा में जिसे सागर में विलीन होने के पहले ही सोंख लिया किसी प्यासे रेगिस्तान ने..!! ©अनु उर्मिल ‘अनुवाद’