“तू कातिल” Pragya 2 years ago जब दिल में दर्द सा उठा एक तीर सा चुभा, जो कल था मेरी निगाहों से मारा गया। आज मेरे ही दिल का कातिल बना। वो फरेबी भी है, वो आशिक भी है, मेरी सांसों की गर्मी में शामिल भी है। रूह को मेरी उसने था एक दिन छुआ, आज वो ही मेरे दिल का कातिल बना।