कितनी ऊँची अटल अम्बारी है
निर्मल, कोमल और सबसे न्यारी है
माँ -बाप की तू दुलारी है
तू गर्व कर तू नारी है.
दुनिया समझें तू तो एक बेचारी है
हमेशा दबकर रहने की तेरी ये लाचारी है
पर वक्त पड़े तो नारी सब पर भारी है
तू गर्व कर तू नारी है.
तेरा हक़ तुझे ना देगी, स्वार्थी दुनिया सारी है
लड़ने की ठान ले तो कभी नहीं तू हरी है
शत शत नमन है तुझको,
ये सृस्टि सारी तेरी ही आभारी है
तू गर्व कर तू नारी है