✍? गजल ?✍
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तू ही हैअर्जुन आवाज सुन
परिवेश का दर्दे साज सुन
छटपटा रही धरती देख तू
माहौल का क्रंदन आज सुन
तेरे शौर्य मे बंधा है वर्तमान
नव नीति का रम्य नाज सुन
हिंसा भय दहशत का है आलम
पीड़ित मानवता का राज सुन
बिलखती धरा को उबारने तू
पुरुषार्थ का अपना अंदाज चुन
श्याम दास महंत
घरघोडा
जिला-रायगढ (छग)