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तेरा कोई भी नहीं है जहां में

तेरा कोई भी नहीं है जहां में
तु आया है अकेले
तु जायेगा अकेले
तेरा कोई भी नहीं है जहां में ।।1।।
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ये रिश्ते, ये नाते, ये तेरे, ये मेरे
ये कैसा है नर, तेरे झमेले
इससे परे है तेरे नाते
तेरा कोई भी नहीं है जहां में ।।2।।
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तु है सदा से स्वतंत्र ही
तेरा रिश्ता है खूद से
तु किधर भागता है नर
तुझे जीना है खूद में
तेरा कोई भी नहीं है जहां में ।।3।।
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बहिर्मुख होके कब-तक जीयेगा
वासना की आग में कब-तक जलेगा
खाली दिमाग शैतान का होता
व्यस्तता में तेरा जीवन कब लगेगा
तेरा कोई भी नहीं है जहां में ।।4।।
विकास कुमार

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