तेरी गली से मैं अचानक जो गुजर गया!
दर्द तेरा जिगर में एक बार फिर उभर गया!
खामोशियाँ में ढल गया हर याद का मंजर,
सिलसिला-ए-अश्क से मेरा दामऩ भर गया!
Composed By #महादेव
तेरी गली से मैं अचानक जो गुजर गया!
दर्द तेरा जिगर में एक बार फिर उभर गया!
खामोशियाँ में ढल गया हर याद का मंजर,
सिलसिला-ए-अश्क से मेरा दामऩ भर गया!
Composed By #महादेव