तेरी पहली पंक्ति में Manish Upadhyay 6 years ago तेरी पहली पंक्ति में मैंने तुझे शीशे सा टूटता हुआ देखा, और जब तूने दूसरी और अंतिम पंक्ति लिखी तो उसी शीशे के टुकड़ों को ज़मीन पर बिखरते हुए देखा, तेरे लेख से मैंने तुझको बार-बार करीब से देखा, जब-जब देखा तुझे शीशे की तरह टूटता हुआ ही देखा।। -मनीष