क्या हुस्न अदा,कैसा शिक़वा गिला
किस्मत में ना था प्यार
इसलिए ही ना मिला
खुदा जानता है मेरा दिल झरने के पानी की तरह साफ़ है
पर यह भी सच है की कमल कभी भी साफ़ पानी में ना खिला
क्या हुस्न अदा,कैसा शिक़वा गिला
किस्मत में ना था प्यार
इसलिए ही ना मिला
खुदा जानता है मेरा दिल झरने के पानी की तरह साफ़ है
पर यह भी सच है की कमल कभी भी साफ़ पानी में ना खिला