था वो गुलाब rajesh arman 8 years ago था वो गुलाब के मानिंद नज़र बस तेरी काटों पे गड़ी मैंने भी महसूस किया कैक्टस को नज़रे जो कभी फूलों पे पड़ी राजेश’अरमान’