दग़ाबाज़ Kuljeet Kumar 4 years ago जिन्हें पाने की चाहत में, मैं सदा अपनों से लड़ता था वो देंगे दग़ा हमको कभी हमने ना सोचा था मिला आघात भी हमको उस मोड़ पे जा के जहां से लौट के आना बड़ा मुश्किल सा लगता था।।