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दर्द

जीवन जुड़ा दर्द लिखना
जीवन से जुड़ा दर्द पढ़ना
मेरी आदत में शामिल है
सच कहना, सच को ही सुनना।
कवि कुछ सच्ची कविता कह दो
जिसमें जीवन की पीड़ा उभरे
वो घाव भरने ही होंगे
चाहे वो हों कितने गहरे।

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